करमापा उग्येन ट्रिन्ले दोरजी के हिमाचल प्रदेश स्थित अस्थायी आवास से करोडों रुपए की विदेशी मुद्रा बरामद होने पर केन्द्र ने गंभीर चिन्ता जताई है और संदेह व्यक्त किया है कि वह चीन के लिए एजेंट के रूप में काम कर रहा था।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि करमापा के चीन से संबंध एकदम स्पष्ट हैं। उसके यहाँ से 11 लाख चीनी युआन सहित देश-विदेश की करोड़ों रुपए की मुद्राएँ बरामद हुई हैं।
सूत्रों ने कहा कि 17वें करमापा को हमेशा से ही चीन का आदमी माना जाता रहा है, क्योंकि चीन हिमालय सीमा पर स्थित सभी बौद्ध मठों पर अपने कथित नियंत्रण का प्रयास करता है और इस काम में करमापा कथित तौर पर उसकी मदद करता आया है। चीन की कोशिश लद्दाख से लेकर तवांग तक सभी मठों पर वर्चस्व कायम करने की रही है।
उन्होंने बताया कि करमापा पहले चीन में रहता था और फिर भारत आ गया। करमापा के मठ के कोषाध्यक्ष और अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है। केन्द्रीय खुफिया और जाँच एजेंसियाँ मामले की जाँच में जुट गई हैं। करमापा के समर्थकों और प्रशंसकों में कई नामचीन हस्तियाँ शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस बात की आशंका है कि चीन ने उसे मठों पर वर्चस्व कायम करने का जिम्मा सौंपा है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि चीन ने हिमालय की सीमाओं पर बसे मठों पर नियंत्रण की कोशिश की हो।
सूत्रों के मुताबिक करमापा पर काफी पहले से ही संदेह रहा है क्योंकि वह धार्मिक भावनाओं की आड़ में कथित रूप से चीन का एजेंडा चलाता आया है। सूत्रों ने कहा कि एजेंसियों जाँच आगे जारी रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर करमापा से भी पूछताछ की जा सकती है।
पुलिस ने कहा कि चार लाख रुपए के भारतीय नोट भी बरामद हुए थे और भी छापेमारी होने का अनुमान है। उना में कल एक करोड़ रुपए के साथ दो व्यक्तियों आशुतोष और संजय की गिरफ्तारी के बाद छापेमारी की गई।
सूत्रों ने कहा कि पुलिस को सूचना मिली थी कि बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में काले धन का उपयोग किया जा रहा है जिसके बाद मठ पर छापेमारी की गई। धन को दिल्लीClick here to see more news from this city के मजनू का टीला के एक निजी बैंक से निकाला गया था और पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है।
छापेमारी के दौरान करमापा कथित तौर पर मठ के अंदर ही थे। धन की बरामदगी के मामले में दलाई लामा और करमापा लामा के कार्यालयों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। (भाषा)
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