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Monday 12 December 2011

"हेमा नहीं गौर के गालों जैसी है सडकें" : भूरिया


"हेमा नहीं गौर के गालों जैसी है सडकें" : भूरिया
भोपाल 13 दिसंबर 2011। विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने एक बार फिर विवाद खडा कर दिया है। भूरिया के ताजा बयान ने एक बार फिर राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। पहले उन्होंने राज्य की महिला मंत्रियों को नचनिया कहा था और अब उन्होंने यह कहकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है कि राज्य की सडकें हेमा मालिनी के गालों जैसी न होकर राज्य के बुजुर्ग मंत्री बाबू लाल गौर के गालों जैसी हैं।
भाजपा की महिला मोर्चा की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष नीता पटैरिया ने भूरिया के बयान पर सख्त आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि भूरिया कितने संस्कारी और शिक्षित हैं, इस बात का खुलासा उनके बयानों से होता है। जरूरत है कि भूरिया को प्राथमिक पाठशाला की शिक्षा दिलाई जाए। महिला मोर्चा को उनके रवैए के खिलाफ क्या करना है इसकी रणनीति जल्दी ही बनाई जाएगी। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल का कहना है कि भूरिया ने जो बात कही है वह मजाकिया अंदाज में है, लेकिन केंद्र की राशि का दुरूपयोग हो रहा है यह तो सच्चाई। भूरिया द्वारा पूर्व में राज्य की महिला मंत्रियों को नचनिया बताए जाने को भी अग्रवाल ने सही ठहराया।
उन्होंने कहा कि भूरिया ने जो कहा था उसका जवाब भाजपा आज तक नहीं दे पाई है। कांग्रेस द्वारा मंदसौर में आयोजित जनसभा में भूरिया ने कहा था कि बीते आठ वर्षो में केंद्र सरकार से राज्य को सडकों के लिए 11500 करोड रूपए भेजे गए, मगर सडकों की हालत नहीं सुधरी। केंद्र सरकार द्वारा दी गई राशि का ईमानदारी से उपयोग होता तो राज्य की सडकें हेमा मालिनी के गालों जैसी होती मगर ऎसा हो नहीं सका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सडकों का खस्ता हाल है, वास्तव में इन सडकों का हाल मंत्री बाबूलाल गौर के गालों जैसा है। इतना ही नहीं राज्य सरकार केंद्र से आने वाली विभिन्न योजनाओं की राशि का भी सही तरह से उपयोग नहीं कर रही है।

Date: 13-12-2011

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